Friday, 2 September 2011

On State of Our Affairs

दम की बात

मुझे शर्म है कि
यह दशा है अपने देश की-

दबी सांसो से दबी आवाज़ 
में गरज़ने का दम नहीं

दबे सच को आकाश 
चीरने का दम नहीं

नहीं बारिश की जोश में
दीवालों को पिघलाने का दम

कायरो की बस्ती में 
नूर को बसने का भी दम नहीं

आज कल रातो में तारो
को चमकने का भी दम नहीं

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