Thursday, 28 July 2011

Leaving POSCO site, Odisha

दम की बात

मुझे शर्म है कि-
दबी सांसो कि दबी आवाज़ को गरजने का दम नहीं
दबे सच को आकाश चीर डालने का दम नही
नहीं गीतों में दीवारों को पिघला देने का दम
कायरो कि बस्ती में नूर को बसने का  दम नहीं
आज कल रातो में तारो को चमकने का भी दम नहीं!
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Embers of imagination light a million stars in an infinite universe.
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Irrepressible and indomitable nature of hope keeps darkest nights at bay.
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